पवन सिंह
कहते हैं पूत के पांव पालने में ही देखे जाते हैं।इसे चरितार्थ कर दिखा रहा है चार वर्षीय अरहान अंजुम।वह न केवल परिवार वालों के साथ बगैर ना नूकुर रख रहा है रोजा बल्कि अदा कर रहा है नमाज।
जी हां! यह कोई कपोल कल्पित बातें नहीं बल्कि शत प्रतिशत सच्चाई है।जिले के गोविंदपुर प्रखंड मुख्यालय बाजार डीह पर राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य सह गोविंदपुर पंचायत की पूर्व मुखिया अफरोजा खातुन की संयुक्त परिवार में रहने वाले उनके भाई मो. आमिर अंजुम व रानी प्रवीण का चार वर्षीय पुत्र अरहान अंजुम के रोजेदारों में शामिल होने की चर्चा जोरों पर है।
कहते हैं संस्कार अगर परिवार में हो तो बच्चे उसकी नकल तेजी से करते हैं।कभी गरीब परिवार में शुमार अरहान के दादा – दादी हिन्दू – मुस्लिम एकता की मिसाल थे।खुद भूखे पेट रहकर पड़ोसियों को हर त्योहार में भोजन – वस्त्र उपलब्ध कराया।ग़रीबी को बचपन से देख चुकी अफरोजा अपने मां बाप की दुआ से गरीबी को शिकस्त दे खुद आगे बढ़ी तो परिवार को आगे बढ़ाने का काम किया।मेहनत रंग लाया तो परंपरा को अफरोजा आज भी बरकरार रख रही है। उनके द्वारा बच्चों को संस्कारित करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। परिणाम चार वर्षीय अरहान न केवल रोजेदार बन अपने परिवार बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ देश की सलामती की अल्लाह से दुआ मांग रहा है।
