रजौली के सपूत निशांत भारद्वाज पर्यावरण संरक्षण के वैश्विक आंदोलन के सूत्रधार,दिल्ली आईआईटी में अपने संबोधन से सभी का मन मोह लिया

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संतोष कुमार

नवादा जिले के रजौली के अमावां गांव निवासी युवा कवि और धरती इंटरनेशनल फाउंडेशन के संस्थापक निशांत भारद्वाज राजपूत ने पर्यावरण संरक्षण को एक जन आंदोलन में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है.हाल ही में आईआईटी दिल्ली में उनकी संस्था द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में जल संरक्षण,प्रदूषण नियंत्रण और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर गहन चर्चा की गई.

जन आंदोलन की ओर पर्यावरण संरक्षण:-

संगोष्ठी के मुख्य आयोजक निशांत भारद्वाज ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि पर्यावरण संरक्षण केवल किसी एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं,बल्कि पूरी मानवता की सामूहिक जिम्मेदारी है.उन्होंने कहा कि हजारों वर्षों से आम लोग इस दिशा में योगदान दे रहे हैं, और अब यह एक वैश्विक जन आंदोलन का रूप ले चुका है.

वैश्विक मंच से मिली सराहना:-

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि,ग्लोबल पीस फाउंडेशन के चेयरमैन और यूएन-हैबिटेट के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. मार्कण्डेय राय, ने धरती इंटरनेशनल के प्रयासों की सराहना करते हुए इसे एक वैश्विक आंदोलन से जोड़ा.उन्होंने निशांत भारद्वाज के जुनून और समर्पण की तारीफ करते हुए कहा, “इतना समर्पण और ‘पागलपन’ कार्य को लेकर मैंने आज तक नहीं देखा.यह बदलाव की शुरुआत है.”

विशिष्ट अतिथियों का महत्वपूर्ण योगदान :- 

जेएनयू के लेफ्टिनेंट डॉ. गजेंद्र प्रताप सिंह ने धरती इंटरनेशनल फाउंडेशन और एनसीसी कैडेट्स द्वारा किए गए निस्वार्थ कार्यों का उल्लेख किया और युवाओं को इससे जुड़कर सीखने के लिए प्रेरित किया.उन्होंने जेएनयू में बच्चों के बीच साइकिल वितरण योजना का भी विशेष रूप से जिक्र किया. आईआईटी दिल्ली के डॉ. पंकज कुमार गुप्ता ने फाउंडेशन के साथ भविष्य में और परियोजनाओं पर काम करने की संभावना जताई.युवाओं को प्रेरित करते संस्थापक निशांत भारद्वाज ने अपने 5 मिनट के प्रभावशाली संबोधन में पिछले 10 वर्षों के अपने संघर्ष, बदलाव और सामाजिक प्रतिबद्धता की कहानी साझा की.उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि युवा को हीं युवा के बीच जाकर बदलाव की शुरुआत करनी होगी.

देशभर से जुटे शोधार्थी और विशेषज्ञ:-

इस संगोष्ठी में देश के विभिन्न हिस्सों से आए शोधार्थियों ने अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए और कई को उनकी उत्कृष्ट प्रस्तुतियों के लिए सम्मानित भी किया गया.ग्लोबल पीस फाउंडेशन की निदेशक डॉ. ऐश्वर्या सिंह खरवार ने G-20, ब्लू इकोनॉमी और भारतीय तटीय महत्व जैसे विषयों पर अपने विचार साझा किए.गृह मंत्रालय, भारत सरकार के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी डॉ. सुरेश वर्मा ने स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) और शासन पर अपने विचार प्रस्तुत किए और फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना की.

ग्रामीण विकास पर भी जोर:-

फाउंडेशन के सह-संस्थापक प्रशांत कुमार ने ग्रामीण विकास के मुद्दों पर विस्तार से प्रकाश डाला और धरती इंटरनेशनल द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में किए जा रहे पर्यावरणीय कार्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की.यह संगोष्ठी केवल एक सम्मेलन नहीं, बल्कि एक नई पीढ़ी की सोच, संकल्प और सामूहिक चेतना का प्रतीक बनकर उभरी. धरती इंटरनेशनल फाउंडेशन का यह प्रयास यह साबित करता है कि जब संकल्प ठोस हो, तो छोटे शहरों से निकले युवा भी वैश्विक बदलाव के सूत्रधार बन सकते हैं.

Bihar News 27
Author: Bihar News 27

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