संतोष कुमार
रजौली प्रखंड मुख्यालय स्थित संगत परिसर में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा पथ संचलन आयोजित किया गया.यह पथ संचालन संगत परिसर से शुरू होकर संपूर्ण बाजार,जगजीवन नगर,पुरानी बस स्टैंड,ड्योढी होते हुए पुनः संगत परिसर में आकर समापन हुआ.इस दौरान सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने भाग लिया.साथ ही ढ़ोल व वाद्य यंत्र बजाते हुए भ्रमणशील दिखाई दिए.वहीं विद्यालय के बाल कलाकारों अंशिका भदानी,स्वीटी कुमारी,हर्षित,शिवम,रजनीश व विभान ने राम,लक्ष्मण,सीता एवं बजरंगबली के मनमोहक झांकी से लोगों को अपने ओर खींचते दिखाई दिए.
खण्ड कार्यवाहक विजय कुमार आर्य ने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा संघ के संस्थापक डॉ. बलिराम हेडगेवार की जयंती है.यह दिन विक्रमी संवत के नए साल की शुरुआत है.उन्होंने कहा कि यह ऋतु परिवर्तन का प्रतीक है. इस समय चारों ओर पीले फूलों की सुगंध फैली होती है और नई फसलें पक जाती हैं.खण्ड कार्यवाहक ने स्वयंसेवकों से सामाजिक समरसता,पर्यावरण संरक्षण और परिवार प्रबोधन पर ध्यान देने का आह्वान किया.उन्होंने कहा कि नववर्ष पर सामाजिक परिवर्तन के लिए संकल्प लेना चाहिए.
इस दौरान बौद्धिक कर्ता विद्या मंदिर के जितेंद्र कुमार ने नववर्ष प्रतिपदा,विक्रम संवत एवं आर्य समाज के स्थापना दिवस पर अपना विचार व्यक्त किया.इस मौके पर खण्ड संचालक दिलीप कुमार,नगर कार्यवाहक धीरज कुमार सोनी,दिलीप कुमार दीप,पवन पांडेय,प्रमोद सिंह,विमल राजवंशी के अलावे हिन्दू जागरण मंच के नगर संयोजक आशीष भदानी,संजीव सिंह,उज्ज्वल कौशिक,सूरज चौधरी एवं पीहू साव के अलावे दर्जनों लोग मौजूद रहे.
वहीं दूसरी ओर अमावां में डॉ. सतीश कुमार के नेतृत्व में स्वर्वेद यात्रा निकाली गई.इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य अध्यात्म के माध्यम से मानव मन पर नियंत्रण स्थापित करते हुए परमात्मा से मिलना है.डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि हमारा जीवन हर तरह से दुःखी एवं तनावपूर्ण हो चुका है.इसलिए हमें अपने जीवन को आध्यात्मिक बनाना चाहिए.इस यात्रा में गुरु के शिष्यों में अमावां के साधु शरण प्रसाद,फतेहपुर के सुरेश प्रसाद,नवादा के विकास कुमार व शैलीग्राम समेत दर्जनों महिला एवं पुरुष शामिल थे.
