संतोष कुमार
नवादा के बरेव गांव स्थित रंजविजय सिंह के आवासीय परिसर में रविवार को महाराणा प्रताप की 429 वीं पुण्यतिथि को शौर्य दिवस के रूप में मनाया गया.इस मौके पर करणी सेना जिलाध्यक्ष रणविजय सिंह,बब्लू सिंह,रेणु सिंह,मंदीप सिंह,रुद्रप्रताप सिंह,अविनाश सिंह एवं ब्रजेश सिंह क्षत्रिय समाज के लोग मौजूद रहे.जिलाध्यक्ष ने बताया कि महाराणा प्रताप भारत के इतिहास में एक महान योद्धा और राजपूत शासक थे.उन्होंने मुगल सम्राट अकबर के आक्रमण का बहादुरी से मुकाबला किया था.उनकी पुण्यतिथि हर साल 19 जनवरी को मनाई जाती है.साथ ही कहा कि महाराणा प्रताप एक वीर योद्धा थे और उनका जन्म 9 मई, 1540 को मेवाड़ के कुंभलगढ़ किले में हुआ था.बचपन में उन्हें ‘कीका’ नाम से बुलाया जाता था.उनके पिता का नाम महाराणा उदयसिंह और माता जीवत / जयवंत कंवर थीं।वे राणा सांगा के पौत्र थे.राजपूताना राज्यों में मेवाड़ का एक अपना विशिष्ट स्थान है जिसमें महाराणा प्रताप ने जन्म लिया है.इतिहास के गौरव महाराणा प्रताप उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे और उनके कुल देवता एकलिंग महादेव हैं.वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप ने मुगल साम्राज्य के खिलाफ विद्रोह का झंडा बुलंद किया और अपने पूरे जीवनकाल में मुगलों से लड़ते रहे.उनका सबसे प्रसिद्ध युद्ध हल्दीघाटी का युद्ध था, जिसमें उन्होंने मुगल सेना को कड़ी टक्कर दी थी.वे एक कुशल योद्धा और शासक थे.उन्होंने अपने जीवनकाल में कई युद्ध लड़े और मुगलों को कभी भी हराने नहीं दिया.महाराणा प्रताप का घोड़ा ‘चेतक’ उनकी वीरता का प्रतीक था.महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि हमें उनके बलिदान और देशभक्ति को याद दिलाती है.महाराणा प्रताप को भारत का राष्ट्रीय गौरव माना जाता है.यह दिन हमें प्रेरित करता है कि हम भी अपने देश के लिए कुछ करें.श्रद्धांजलि के मौके पर क्षत्रिय समाज के लोगों ने देशहित में कार्य करने की कसमें खाई.
