संतोष कुमार
वर्षों से अटके पड़े भूमि सर्वेक्षण के कार्य को गति देने और भूस्वामियों की चिंताओं को दूर करने के उद्देश्य से अंचल रजौली के राजस्व ग्राम अंधरवारी (थाना नंबर 231) में बुधवार को भूमि सर्वेक्षण शिविर का आयोजन किया गया.इस प्रकार से आयोजित शिविर न केवल जानकारी का केंद्र बन रहा है.बल्कि इसने स्थानीय रैयतों को अपनी पुश्तैनी जमीनों के सही दस्तावेजीकरण को लेकर एक नई उम्मीद भी दे रही है.जिला बंदोबस्त पदाधिकारी मनोज कुमार ने स्वयं मौके पर पहुंचकर शिविर का गहनता से जायजा लिया.उन्होंने एक-एक करके भूस्वामियों से मुलाकात की, उनकी समस्याओं को सुना और उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार इस महत्वपूर्ण कार्य को पारदर्शिता से पूरा करने के लिए कटिबद्ध है.श्री कुमार ने विशेष रूप से भू-सर्वेक्षण से संबंधित दो महत्वपूर्ण प्रपत्रों, प्रपत्र 2 और प्रपत्र 3(1), की बारीकियों को समझाया.उन्होंने सरल भाषा में बताया कि ये प्रपत्र क्यों आवश्यक हैं और इन्हें कैसे भरा जाना चाहिए,जिससे भूस्वामियों के मन में उठ रहे संशय को दूर किया.स्वघोषण प्रपत्र भरने पर विशेष जोर मनोज कुमार ने भूस्वामियों को अपने स्वघोषण प्रपत्र को जल्द से जल्द ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से भरकर जमा करने के लिए विशेष रूप से प्रेरित किया.उन्होंने बताया कि समय पर प्रपत्र जमा करने से न केवल रैयतों का काम आसान होगा,बल्कि पूरी प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब से भी बचा जा सकेगा.
मौके पर ही समस्याओं का निवारण,रैयत हुए संतुष्ट
इस शिविर की एक और महत्वपूर्ण विशेषता रैयतों की समस्याओं का तत्काल निवारण था.भूमि सर्वेक्षण से संबंधित जितनी भी शिकायतें या प्रश्न भूस्वामियों के मन में थे, उन्हें मौके पर ही उपस्थित अधिकारियों द्वारा सुना गया और उनका समाधान प्रस्तुत किया गया.इससे स्थानीय लोगों में काफी संतोष और विश्वास देखने को मिला.कई भूस्वामियों ने राहत की सांस ली कि उन्हें अपनी छोटी-छोटी समस्याओं के लिए अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे.कार्यक्रम के दौरान,राजस्व अधिकारी राधेश्याम यादव,विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी रजौली रौशन सागर, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो रितिक राज और अमीन रश्मि राज सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे.इन सभी ने मिलकर शिविर को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.लोगों का मानना है कि इस तरह के जन-केंद्रित शिविर भूमि सर्वेक्षण के कार्य को न केवल गति देंगे,बल्कि त्रुटियों को कम करने और भविष्य में भूमि विवादों को सुलझाने में भी सहायक सिद्ध होंगे.यह कदम सरकार की ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि रिकॉर्ड को आधुनिक और सटीक बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है,जिससे अंततः आम जनता को ही फायदा होगा.
