रजौली के जंगलों में भ्रमण के रहे 30 हाथियों का झुंड,कई लोगों के घर एवं खेतों में घुस मचाई तबाही,कई लोग हुए घर से बेघर,हाथी भगाने को लेकर लगाई आग जंगलों में फैली

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संतोष कुमार

रजौली प्रखंड क्षेत्र के चितरकोली पंचायत के रतनपुर गांव से प्रवेश किए 30 हाथियों के झुंड चौथे दिन गुरुवार को पूरा दिन हरदिया पंचायत के जमुनदाहा एवं बकरखुरी के जंगलों में भ्रमण करते नजर आए।इन हाथियों के झुंड में हाथियों के दो-तीन बच्चे भी शामिल हैं।हाथियों के भ्रमण से जंगली क्षेत्रों में बसे गांवों के लोगों की निंद और चैन उड़ी हुई है।लोग अपनी जान-माल बचाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं।किंतु हाथियों के झुंड ने कई लोगों के घर तोड़ डाले एवं कई लोगों के खेतों में लगे गेहूं,अरहर एवं सरसों आदि फसल को नष्ट कर दिया।हालांकि वन विभाग के रेंजर एवं अन्य कर्मियों द्वारा बुधवार की रात्रि जंगली क्षेत्र में हाथियों को भगाने के लिए तत्पर थे,किंतु उन्हें हाथियों का झुंड दिखाई नहीं दिया था।वहीं वन विभाग द्वारा पश्चिम बंगाल के बांकुरा से हाथियों को भगाने के लिए स्पेशल टीम को बुलाने की बात तो कही गई थी,किंतु गुरुवार की शाम तक टीम की रजौली नहीं पहुंची है।वहीं दर्जनों घरों के महिला एवं अपने बच्चों के साथ दूसरे गांव में एक पेड़ के नीचे रह कर हाथियों को दूर जाने का इंतजार कर रहे हैं।

 

हाथियों के झुंड ने पहुंचाया नुकसान –

हरदिया पंचायत के नावाडीह के फागुन सिंह एवं किशुन सिंह के अलावे सकिंदर सिंह,मुकेश सिंह,दरोगी सिंह,सुनील सिंह,राधे सिंह और रविन्द्र सिंह के कच्ची घरों में हाथियों के झुंड द्वारा तोड़फोड़ मचाई गई है।वहीं बकरखुरी के ज़ुरह मुंडा समेत तीन लोगों के झोपड़ियों में हाथियों के झुंड घुसकर उसमें रखे खाने पीने वाले समान को विनष्ट कर दिया गया।

वहीं कोसदरिया के कुंवर मुंडा,करम सिंह मुंडा एवं गोगा तूती के घरों को पूर्णतः ध्वस्त कर दिया गया है।वहीं गुरुवार को पूरा दिन हाथियों का झुंड जमुनदाहा एवं बकरखुरी के जंगली क्षेत्रों में भ्रमण करते नजर आए।इस दौरान सुबह में लगभग 6 बजे से लेकर 8 बजे तक रेलवे कैंप संख्या 38 के समीप रुके रहे।वहां से बकरखुरी पहुंचे जहां जल-जमाव के आसपास हाथियों के झुंड पानी पीकर गांव की तरफ बढ़ने लगे।हाथियों के झुंड के पीछे-पीछे दर्जनों ग्रामीण उन्हें अपने गांव से बाहर करने के प्रयास में जुटे दिखाई दिए।किंतु हाथियों का झुंड जमुनदाहा एवं बकरखुरी के जंगली क्षेत्रों में ही अपना डेरा जमाए हुए हैं।इस भाग-दौड़ के कारण हाथियों का झुंड थक भी गया था,वहीं अपने छोटे बच्चों को सूंड की मदद से धकेलते हुए ले-जाते दिखाई दिए।ग्रामीणों ने कहा कि रात्रि में नावाडीह में हाथियों का झुंड था,वहीं गुरुवार की सुबह से लेकर शाम तक हाथियों का झुंड जमुनदाहा एवं बकरखुरी में ही पड़ा हुआ है।लोग हाथियों के झुंड को अपने क्षेत्र से दूर भगाने को लेकर प्रयासरत हैं।

हाथियों के झुंड से भयभीत ग्रामीणों ने छोड़ा अपना घर –

नावाडीह में बुधवार को हाथियों द्वारा मचाई गई तबाही के बकरखुरी के तीन घरों में तोड़फोड़ किया एवं खाने की सामग्री को बर्बाद कर दिया है।हाथियों का झुंड घर की महिलाओं एवं बच्चों को नुकसान से बचाने को लेकर दर्जनों लोग जमुनदाहा गांव में एक बरगद के पेड़ के नीचे अपना डेरा जमाए हुए है।महिलाएं अपने बच्चों को रात्रि का माड़-भात खिलाते नजर आई।हाथियों के झुंड के भय से घर से बेघर हुई महिलाओं एवं बच्चों की आंखें मदद की पुरजोर गुहार लगा रही थी।उन्होंने बताया कि गांव में कुछ लोगों ने उनके दूधपिते बच्चों के लिए दूध दिए हैं,तो कुछ लोगों ने अपने घरों से खाना भी लाकर दिया गया है।किंतु गांव वालों के लिए पूरे परिवार को भोजन मुहैया कराना भी संभव नहीं है।

वहीं स्थानीय प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा राहत सामग्री की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।यदि हाथियों का झुंड जल्द ही ग्रामीण क्षेत्रों से दूर नहीं किया गया,तो बेघर लोगों के जीवन-यापन में काफी परेशानी हो सकती है।

हाथियों को भगाने के लिए लगाया गए आग से धू-धू कर जल रहा जंगल –

जमुनदाहा एवं बकरखुरी में हाथियों के झुंड को दूर भगाने को लेकर ग्रामीणों द्वारा जंगल में आग लगा दिया गया है,जो भयंकर रूप ले लिया है।आग का फैलाव इतना बढ़ गया कि लोगों को सांस लेने में भी काफी परेशानी हो रही है।वहीं आग एवं धुएं से पूरा वातावरण धुंधला हो गया है।वहीं आग की लपटे जंगल को तबाह कर दिया है।

यदि हाथियों के झुंड को विवेकपूर्ण नहीं दूर भगाया गया,तो जंगल पूरी तरह जलकर राख हो जाएगा।आग भी इतना भयंकर पैमाने पर है कि अग्निशमन की दर्जनों वाहन मिलकर भी जंगल में लगे आग पर काबू नहीं पा सकता है।

वहीं ग्रामीणों ने कहा कि गुरुवार को सुबह से लेकर 3 बजे तक वन विभाग के लोग कहीं दिखाई नहीं दिए।इसलिए ग्रामीणों को लगा कि आग से हाथियों के झुंड डरते हैं और उन्होंने आग लगा दी।

क्या कहते हैं अधिकारी – 

इस बाबत डीएफओ नवादा श्रेष्ठ कुमार कृष्ण ने बताया कि हाथियों के झुंड में लगभग 30 की संख्या में हाथी शामिल है।वन कर्मी हाथियों के झुंड को ग्रामीण क्षेत्र से दूर रखने को लेकर प्रयासरत हैं।वहीं बांकुरा के टीम के आने का इंतजार है।साथ ही बताया कि रैयती भूमि में बने घरों एवं खेतों के नुकसान की भरपाई जांच के बाद विभाग द्वारा किया जाएगा।जबकि जंगली क्षेत्रों में अवैध कब्जा कर रह रहे लोगों की क्षतिपूर्ति नहीं की जाएगी।साथ ही कहा कि जल्द ही हाथियों के झुंड को दूर जंगली क्षेत्र में भेज दिया जाएगा।

Bihar News 27
Author: Bihar News 27

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