संतोष कुमार
रजौली प्रखंड क्षेत्र में बीते दो दिनों से मौसम का रुख काफी बदला हुआ है.आंधी एवं पानी के कारण मौसम के तापमान में गिरावट आई है.वहीं खेतों में लहलहाते फसल बर्बाद होने के कगार पर हैं,जिसे देखकर किसान सहमे हुए हैं.साथ ही बदलते मौसम के कारण बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के स्वास्थ्य बिगड़ रहे हैं.गुरुवार की रात्रि से लेकर सुबह तक बारिश हुई.वहीं शुक्रवार को पूरे दिन आसमान में काले बादलों ने डेरा डाला और फिर शाम से जमकर बारिश होना शुरू हुई.बारिश से शहर के कई इलाकों में पानी जमा हो गया.हालांकि बाद में पानी निकल गया।किंतु कई कच्चे रास्ते कीचड़ में सन गये.बेमौसम बरसात से किसानों को एक बार फिर झटका लगा है.कई इलाकों मेें अभी सरसों,मसूर, चना, खेसारी, मटर और गेहूं की कटनी नहीं हुई है.कई स्थानों पर काटे गये फसल खलिहान में दौनी के लिए रखे हुए हैं.बारिश हो जाने से रबी की फसल पूरी तरह भींग गये हैं,जिससे उनके खराब होने की संभावना बढ़ गयी है.कई जगह चना व मसूर सहित अन्य रबी व तेलहन की फसल भी बर्बाद हो जाने का खतरा बढ़ गया है.कुल मिलाकर इस बारिश से किसानों को खासा नुकसान हुआ है.बारिश के कारण दलहनी फसल का भारी नुकसान का खतरा मंडरा रहा.मौसम के बनते-बिगड़ते मिजाज के बीच दो दिनों से हो रही बारिश का असर रबी सीजन की फसलों पर पड़ना तय है.बारिश होने से रबी फसलों के पर बर्बादी के बादल मंडरा रहे थे.विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि तापमान घटने का फायदा रबी की प्रमुख फसल गेहूं को मिलेगा.लेकिन अच्छी धूप शीघ्र न मिलने से दलहनी व तिलहनी फसलों का नुकसान भी लगभग तय है.बारिश होने से मसूर, गेहूं, चना, मटर आदि के पौधे के फूल झड़ गये और जो पककर तैयार थे.उनका अन्य खेत में झड़ जायेगा जिससे किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें उभर आयी है.किसान रंजीत सिंह,कृष्णा यादव,चिंटू कुमार ने कहा कि अब बारिश कि कोई जरूरत नहीं है.लेकिन बारिश हो जाने से तैयार होने वाली दलहनी फसल चना, मसूर, मटर, खेसारी और तेलहनी फसल को भारी नुकसान हुआ है.किसान शर्मा पंडित ने कहा कि पके हुए और हरे गेहूं के फसल को तेज हवा चलने पर भारी नुकसान हुआ है.वहीं बारिश के कारण मुख्यालय बाजार में शुक्रवार को लगने साप्ताहिक हाट में भी सामान्य दिनों से भी कम भीड़ देखने को मिली.शनिवार की सुबह से मौसम साफ दिखाई दे रहा है और लोगों में मौसम के बेहतर होने की आश जागी हुई है.
