संतोष कुमार
रजौली थाना क्षेत्र के पुरानी बस स्टैंड स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एक बैंक कर्मी द्वारा एक उपभोक्ता को झांसे में लेकर 22 लाख रुपये की हेराफेरी का मामला प्रकाश में आया है.मिली जानकारी के अनुसार 14 जनवरी को चितरकोली पंचायत के गोपालपुर दिबौर निवासी कृष्ण प्रसाद यादव के पुत्र मुकेश कुमार ने 11-11 लाख रुपये के दो चेक के जरिये कुल 22 लाख रुपये एक खाता संख्या पर भेजने को लेकर आरटीजीएस के माध्यम से फॉर्म भरकर दिया गया था.किन्तु स्टेट बैंक ऑफ इंडिया बैंक के काउंटर संख्या 2 पर मौजूद रहे बैंककर्मी के द्वारा बोला गया कि आपके द्वारा भरे गए आरटीजीएस फॉर्म में कुछ गलती है और दूसरे आरटीजीएस फॉर्म पर सिर्फ सिग्नेचर कर बैंक में जमा करने को कहा गया.साथ ही काउंटर संख्या 2 पर रहे बैंककर्मी ने उपभोक्ता मुकेश कुमार को कुछ देर में पैसे ट्रांसफर हो जाने की बात कही.बैंककर्मी द्वारा आश्वासन मिलने बाद उपभोक्ता घर आ गया.किन्तु पैसे नहीं पहुंचने पर उपभोक्ता द्वारा बैंककर्मी को फोन करने पर कहा गया कि दो-तीन घण्टों में पैसे पहुंच जाएगा.किन्तु 15 तारीख को भी पैसे नहीं पहुंचने पर उपभोक्ता मुकेश कुमार पुनः बैंक आकर जानकारी लेने का प्रयास किया,तो उन्हें काउंटर संख्या 2 पर बैठने वाले बैंककर्मी बैंक में नहीं है.इस तरह मामला बढ़ गया और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के वरीय पदाधिकारी को 22 लाख रुपये की सूचना मिली और वे बैंक पहुंचकर जांच पड़ताल किये.पीड़ित उपभोक्ता ने कहा कि गुरुवार को बैंक के वरीय पदाधिकारी के समक्ष मेरी मौजूदगी में बैंक के सीसीटीवी की जांच की गई.जांचोपरांत बैंककर्मी द्वारा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने की सलाह देर शाम में किया गया है.
क्या कहते हैं बैंक मैनेजर –
इस बाबत बैंक मैनेजर रंजीत कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रहा है.वहीं पीड़ित उपभोक्ता को थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा गया है.
क्या कहते हैं थानाध्यक्ष –
इस बाबत थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति के द्वारा लिखित आवेदन मिलने पर अग्रतर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
