पचम्बा-गिरगी चपहेल सड़क जर्जर होने पर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा,भ्रष्टाचार का आरोप,आवागमन के दौरान दुर्घटनाओं का सिलसिला रहता है जारी

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

संतोष कुमार

रजौली प्रखंड के पचम्बा गांव से गिरगी चपहेल गांव तक की ग्रामीण सड़क की बदहाली को लेकर ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है.ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क निर्माण में अनियमितताएं बरती गई हैं और मरम्मती के नाम पर लाखों रुपये का गबन किया गया है.यह सड़क आज भी जर्जर हालत में है, जिससे स्थानीय लोगों और वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

सड़क की बदहाली और भ्रष्टाचार के आरोप:-

ग्रामीणों सुरेश यादव, कपिलदेव यादव, नारायण यादव, भानु यादव, सत्येंद्र कुमार और समाजसेवी जयपाल यादव ने बताया कि ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार ने 19 नवंबर 2019 को संवेदक विकास कुमार द्वारा पचम्बा से गिरगी चपहेल तक अलकतरा युक्त पक्की सड़क का निर्माण करवाया था.इस कार्य की समाप्ति 18 अगस्त 2020 को हुई थी.हालांकि,ग्रामीणों का आरोप है कि 19 अगस्त 2020 से 18 अगस्त 2025 तक के मरम्मती कार्य के लिए आवंटित सरकारी धन का कार्यपालक अभियंता और ठेकेदार ने मिलकर घोटाला कर लिया है.ग्रामीणों के अनुसार, सड़क निर्माण के एक साल के भीतर ही जर्जर हो गई और आज तक उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है.इस जर्जर सड़क के कारण आवागमन में तो कठिनाई हो ही रही है,कई गंभीर सड़क दुर्घटनाएं भी हुई हैं.बारिश के दिनों में यह सड़क कीचड़ युक्त हो जाती है,जिससे ग्रामीणों को रजौली मुख्यालय स्थित अस्पताल, बैंक, थाना और प्रखंड कार्यालय तक पहुंचने में भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

शिकायत और कार्रवाई की मांग:-

समाजसेवी जयपाल यादव ने बताया कि उन्होंने इस मामले को लेकर अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के पास शिकायत दर्ज कराई थी.शिकायत पर सुनवाई करते हुए अनुमंडल पदाधिकारी स्वतंत्र कुमार सुमन ने बीते 31 मई को कार्यपालक अभियंता को एक माह के भीतर सड़क की मरम्मती करवाने का निर्देश दिया है.हालांकि,आदेश के 15 दिन बाद भी पचम्बा से गिरगी चपहेल वाली सड़क में किसी प्रकार का मरम्मती कार्य शुरू होता नहीं दिख रहा है.धमनी पंचायत के दर्जनों ग्रामीणों ने भी अपनी पंचायत की सड़कों की बदहाली का जिक्र किया है.उनका कहना है कि कई सड़कें एक बार बनकर जर्जर हो चुकी हैं और मरम्मती का इंतजार कर रही हैं.ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से इस मामले की जांच की मांग की है,ताकि बड़े पैमाने पर हुए गबन का पर्दाफाश हो सके.

रोजाना की जद्दोजहद में रहता है दुर्घटनाओं का जोखिम:-

इस जर्जर सड़क के कारण ग्रामीण क्षेत्र का जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है.आवागमन में तो भारी कठिनाई हो ही रही है,लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं ने ग्रामीणों को डरा दिया है.विशेष रूप से बारिश के दिनों में यह सड़क कीचड़ और बड़े-बड़े गड्ढों से भर जाती है, जिससे पैदल चलना भी दूभर हो जाता है.ग्रामीणों को रजौली मुख्यालय स्थित अस्पताल, बैंक, थाना और प्रखंड कार्यालय तक पहुंचने में घंटों मशक्कत करनी पड़ती है. आपातकालीन स्थिति में मरीजों को अस्पताल ले जाना किसी चुनौती से कम नहीं है,जिससे कई बार जान का जोखिम भी बढ़ जाता है.किसानों को अपनी फसल बाजार तक पहुंचाने में भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी हो रहा है.

क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता :-

इस संबंध में ग्रामीण पथ निर्माण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता ई.अरबिन्द कुमार ने बताया कि इस प्रकार की सड़क के बारे में हमें जानकारी नहीं है.पहले सड़क के बारे में जानकारी लेते हैं,उसके बाद ही कुछ कह सकते हैं.जबकि लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सह अनुमंडल दंडाधिकारी स्वतंत्र कुमार के द्वारा 31 मई को मरम्मती कराने का आदेश पारीत किया गया.बावजूद उनका यह अधूरा और गोलमोल जवाब ग्रामीणों के आरोपों को और बल देता है.उनकी चुप्पी कई अनसुलझे सवालों को जन्म देती है,और यह संदेह पैदा करती है कि क्या वे इस कथित भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं या केवल प्रशासनिक लापरवाही के शिकार हैं.

Bihar News 27
Author: Bihar News 27

Leave a Comment

और पढ़ें

error: Content is protected !!