संतोष कुमार
रजौली मुख्यालय स्थित अनुमंडलीय अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा बरती जा रही अनियमितताओं से आम जनमानस परेशान हैं.इससे भी अधिक दुःख की बात है कि परेशानियों को कहने के बाद भी पदाधिकारियों द्वारा अनियमितता बरतने वाले कर्मियों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं किए जाने से उनका मनोबल और बढ़ जाता है.इसका नतीजा है कि अस्पताल में मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ रुक नहीं पा रहा है.बीते शुक्रवार की दोपहर लगभग 12 बजे रजौली के आसपास की पांच महिलाओं का बंध्याकरण डॉ. अनुज कुमार और डॉ. स्नेहल द्वारा किया गया.बंध्याकरण के बाद महिलाओं को ऑपरेशन थिएटर के बगल में रहे वातानुकूलित कमरे और एक सामने वाले में रूम में शिफ्ट कर दिया गया.बंध्याकरण कराने आई महिलाओं में मलियातरी गांव निवासी अजय राजवंशी की पत्नी चांदनी कुमारी,बंधन छपरा गांव निवासी टिंकू कुमार की पत्नी बबीता कुमारी,बहादुरपुर गांव निवासी प्रमोद कुमार की पत्नी खुशबू देवी एवं संपत बिगहा गांव निवासी लल्लू यादव की पत्नी इंदु देवी है.पीड़ित मरीज इंदु देवी के साथ रही परिजन सुमित्रा देवी ने बताई कि शाम से ही मेरे मरीज को दर्द है,किंतु तीन घंटे हो गए हैं,कोई नर्स तक देखने नहीं आई है और ना ही उन्हें अस्पताल द्वारा साफ-सुथरा चादर दिया गया है,जिसके कारण वे घर से लाए बिछावन पर सोने को मजबूर हैं.
वहीं ऑपरेशन से प्रसव कराकर भर्ती मरीज ढाब गांव निवासी अंतर्देशी राजवंशी की पत्नी गंगा देवी ने बताई कि उन्हें बीते दिनों सिजेरियन से पहले संतान के रूप में पुत्र की प्राप्ति हुई है.कल तक हम अकेले ही रह रहे थे,किंतु शुक्रवार को दर्जनों लोगों का आवागमन बेरोकटोक जारी है.इससे उन्हें संक्रमण का खतरा लग रहा है,चूंकि व्यवस्था सरकारी है,इसलिए वे खुलकर इसका विरोध नहीं कर रही हैं.वहीं अस्पताल के प्रबंधन को दुरुस्त बनाने में प्रबंधक विफल दिखाई दे रहे हैं.ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों के लिए रेस्ट रूम तक की व्यवस्था नहीं है.
वहीं ओपीडी में मरीजों को एक ही कमरों में बैठे चिकित्सकों के कारण लंबी लाइन में खड़ा रहना पड़ता है.हालांकि अस्पताल में कमरों की कोई कमी नहीं है,कई कमरे तो खाली पड़े बंद ही रहते हैं.अस्पताल के कार्यालय में ही चिकित्सकगण अपनी ओपीडी और इमरजेंसी ड्यूटी करते नजर आते हैं.वहीं नवपदस्थापित सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार चौधरी के द्वारा अस्पताल भ्रमण के दौरान दो एयर कंडीशनर एवं बंद पड़े पंखों को बदलने एवं मरम्मत का कार्य करवाया गया है.वहीं लोगों को आशा है कि सिविल सर्जन ही अनुमंडलीय अस्पताल में व्याप्त कुव्यवस्थाओं को दूर कर सकते हैं.
