संतोष कुमार
रजौली नगर पंचायत के बनने के बाद से लोगों का फर्जी तरीके से मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत किए जाने से क्षेत्र में भूमि विवाद में काफी बढ़ोत्तरी हो रही है.ताजा मामला वार्ड संख्या 6 के माहुरी टोला निवासी खुमद खुर्शीद की पत्नी शफरीन की मृत्यु बीते वर्ष 1988 में हुई थी.जबकि नगर पंचायत कार्यालय द्वारा व्यापक रूप से भौतिक सत्यापन किए बिना 16 फरबरी 2025 को शफरीन का मृत्यु 1980 में मानकर प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया गया.हालांकि मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए एक आवेदक को शपथ पत्र के साथ फॉर्म भरकर आंगनबाड़ी केंद्र एवं संबंधित वार्ड पार्षद से सिग्नेचर करवाकर कार्यालय में जमा करना पड़ता है.नगर पंचायत में आवेदन जमा किए जाने के बाद टीसी के पद पर तैनात नवीन कुमार आवेदन का भौतिक सत्यापन किया जाता है.इसके बाद जेएसएस सुधीर कुमार नगर पंचायत कार्यालय में आकर एमटीएस स्टाफ विजयलक्ष्मी की मदद से ओटीपी आदि प्रक्रिया के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया जाता है.इतने प्रक्रिया के बाद भी गलत रूप से निर्गत किए गए फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र से जमीन संबंधी विवाद बढ़ गया है.पीड़ित माहुरी टोला निवासी मो. इसराइल के पुत्र मो. अब्बास ने बताया कि उनके पिता ने चाचा खुमद खुर्शीद की पत्नी खतियानधारी शरीफन ने अपनी 4 डिसमिल जमीन बीते वर्ष 1983 के 27 अगस्त को पैसे लेकर रजिस्ट्री कर दिया.इसके बावजूद कुछ जमीन के लालची लोगों ने शफरीन का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर कहा जा रहा है कि शफरीन ने जमीन नहीं लिखी है.इसको लेकर भयंकर विवाद हो गया है,जिसके पीछे नगर पंचायत में भ्रष्ट कर्मी और अधिकारी है.उन्होंने बताया कि उक्त फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर नगर पंचायत कार्यालय को लिखित आवेदन भी दिया गया है,जिसपर नगर पंचायत के कर्मी द्वारा कहा जा रहा है कि उक्त मृत्यु प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया जाएगा.मिली जानकारी के अनुसार इन दिनों नगर पंचायत में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना काफी मुश्किल का काम हो गया है.बिना पैसा लिए कर्मी प्रमाण पत्र निर्गत ही नहीं करते हैं.फर्क सिर्फ इतना होता है कि यदि प्रमाण पत्र सही होता है,तो कम पैसे देने पड़ते हैं और फर्जी प्रमाण पत्र के लिए मुंहमांगी रकम आवेदकों से वसूल कर बंदरबाट किया जाता है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी व कर्मी –
इस बाबत जेएसएस सुधीर कुमार ने बताया कि उक्त मामले को लेकर शिकायती आवेदन प्राप्त हुआ है.आवेदन की जांच कर अग्रतर कार्रवाई हेतु जिला मुख्यालय भेजा गया है.साथ ही उन्होंने बताया कि जमीन मामले में केवाला की जांच से भी बहुत सारी चीजें क्लियर हो जाती है.
वहीं मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करने वाली नगर पंचायत में कार्यरत एमटीएस स्टाफ विजयलक्ष्मी ने बताई कि मृतक के परिजनों द्वारा जाली कागजात पर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया गया है.साथ ही बताई कि उक्त फर्जी प्रमाण पत्र को कैंसिल करने को लेकर विभागीय पत्राचार किया जा चुका है.जल्द ही उक्त प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया जाएगा.
