संतोष कुमार
वायरल ऑडियो
रजौली प्रखंड में सूचना का अधिकार अधिकारियों के लिए नासूर बनता जा रहा है.ऐसे में अब अधिकारियों द्वारा घर पर जाकर सूचना मांगने वाले आरटीआई लगाने वाले लोगों को धमकाया जा रहा है.जिले के बहुचर्चित आरटीआई एक्टिविस्ट बिंदा प्रसाद निराला ऐसे धमकियों से पहले से ही परेशान हैं,लेकिन अब एक नया मामला सामने आया है.हम बात कर रहे हैं भ्रष्टाचार में अग्रणी रजौली प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी के अकाउंटेंट रविंद्र कुमार की,जिन्होंने अपनी ताकत आरटीआई एक्टिविस्ट को दिखाई है और उसका ऑडियो वायरल हो रहा है.वायरल ऑडियो की पुष्टि हमारा वेब पोर्टल नहीं करता है.आरटीआई एक्टिविस्ट बिंदा प्रसाद निराला ने बताया कि रजौली प्रखंड में प्रत्येक सीआरसी को 153000 रुपया आवंटित किया गया था,जिसे मार्च 2025 तक खर्च करना था एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करना था.इसी से संबंधित कुछ विद्यालयों का रिकॉर्ड की मांग प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रजौली से किया गया.इसको लेकर 14 मई 2025 को 9:30 बजे सुबह प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सह प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी रजौली राकेश कुमार एवं रजौली बीआरसी के अकाउंटेड रविंद्र कुमार आरटीआई कार्यकर्ता बिंदा प्रसाद निराला के घर पहुंचे.उस वक्त वे अपने मकान के अंदर थे और उनके पुत्र घर के बाहर बैठे थे.रविंद्र कुमार ने कहा की बिंदा प्रसाद निराला कहां गया है? सूचना मांगता है? लोगों को परेशान करता है,उसको मेरे पास भेज देना,पता चला देंगे एवं बहुत अपशब्द बातें कह कर वहां से तुरंत लौट गए.जब बिंदा प्रसाद निराला 2:00 बजे प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के मोबाइल पर फोन कर जानकारी लेनी चाही,लेकिन दबंग प्रवृति के रविंद्र कुमार तुरंत उनके हाथ से मोबाइल लेकर बात करने लगे.उन्होंने आवेश में कहा कि आप सूचना मांग कर लोगों को परेशान करते हैं, यह ठीक काम नहीं है.आरटीआई एक्टिविस्ट ने उनसे सवाल किया कि आप ठीक काम कर रहे हैं.आप नियम के विरुद्ध 20 वर्षों से रजौली प्रखंड में एक जगह नियुक्त है.क्या कारण है,इस पर अकाउंटेंट के द्वारा कहा गया कि आप मेरा मालिक हैं, जो इसका जानकारी आपको चाहिए.संविधान के अनुसार जनता मालिक होता है एवं सभी पदाधिकारी लोक सेवक होते हैं.बावजूद अकाउंटेड रविंद्र कुमार को इस तरह से बातें करना वह भी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रजौली के सामने और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के हाथ से मोबाइल लेकर बात करना एवं शिक्षा पदाधिकारी द्वारा इस पर किसी तरह का रोक-टोक नहीं करने से साफ जाहिर होता है कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रजौली सिर्फ मुखौटा है एवं सारे कार्य को अकाउंटेंट रविंद्र कुमार के द्वारा किया जाता है.अब जब सारी करतूत सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है तो जांचोपरांत कार्रवाई तो बनती ही है.सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि रजौली बीआरसी का अकाउंटेंट रविंद्र कुमार के द्वारा प्रधानाध्यापकों का सेवा पुस्तिका संधारण करने के लिए एक हजार रुपए का मांग किया जा रहा है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी –
इस संबंध में प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा लगाया गया आरोप बेबुनियाद है.वे हमारे नंबर पर फोन किए,तो एकाउंटेंट के साथ बातचीत हुई,लेकिन कोई गाली-गलौज व अपशब्द का प्रयोग नहीं किया गया है.इधर एकाउंटेंट रविंद्र कुमार ने बताया कि रास्ते से गुजर रहे थे,तो एक व्यक्ति से बिंदा प्रसाद निराला के बारे में पूछे लेकिन उनके नहीं रहने के कारण बात-चीत नहीं हो सका था.उसके बाद उनके द्वारा झूठा आरोप लगाया जा रहा है.इसके अलावा उनका आरटीआई के तहत लोगों को उलझाने के साथ ही वसूली का काम करना उनका मुख्य पेशा है.धमकी भरे लहजे में फोन करना व बेतुकी बात करने का झूठा आरोप लगाना,बिल्कुल बेबुनियाद आरोप है.
