संतोष कुमार
रजौली मुख्यालय स्थित एनएचएआई के द्वारा रजौली से बख्तियारपुर तक 90 किलोमीटर लंबी फोरलेन बन चुकी है.बीते तीन वर्षों से करिगांव स्थित टोल प्लाजा के समीप आने-जाने वाली वाहन चालकों एवं स्वामियों से टैक्स की पूरी वसूल हो रही है.इसके बावजूद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के गाइड लाइन के अनुसार ना तो फोरलेन पर पेयजल की उचित व्यवस्था है और ना ही शौचालय खुला हुआ रहता है.इन आधारभूत व्यवस्थाओं की कमी के कारण सफर कर रहें महिला एवं पुरुष यात्री काफी परेशान नजर आते हैं.यहां सभी सुविधाएं नदारद देखने को मिलती है ना तो सही स्ट्रीट लाइट और ना तो शौचालय और ना ही पेयजल की मुक्कमल व्यवस्था की गई है.लाइट लगी भी है,तो वो सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गयी.ऐसा लगता है कि बिहार के नवादा जिला सिर्फ कागजों पर ही विकास होता है.फोरलेन भी बना तब सड़क अच्छी नहीं है,मानो गढ्ढों में चल रहे हैं.वहीं सड़कों के किनारे ठंडक बनाए रखने के लिए एक पेड़-पौधे तक नहीं लगाया गया,जबकि फोरलेन निर्माण के दौरान हजारों पेड़-पौधों की कटाई युद्धस्तर पर की गई थी.वन विभाग के द्वारा कुछ पेड़ लगाए गए हैं,जिसका कोई देखरेख करने वाला नहीं है.लालू मोड़ के पास एनएचएआई का कार्यालय भी बनाया गया है,किंतु टॉल फ्री नंबर 1033 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करवाने के बाद भी जरूरतमंदों के लिए कर्मी स्थल पर नहीं आ पाते हैं.वहीं सुविधा के नामपर टोल प्लाजा के समीप लगे एकमात्र एंबुलेंस की सहायता से सड़क दुर्घटना में घायल मरीजों को अस्पताल पहुंचाए जाने का कार्य करते हुए देखा जाता है.राहगीरों को एनएचएआई के गाइड लाइन के अनुसार मिलने वाली पेयजल और शौचालय जैसी आधारभूत सुविधा कब मिलेगी यह भविष्य के गर्त में है.
