संतोष कुमार
रजौली प्रखंड क्षेत्र में 1 मई मजदूर दिवस के दिन सभी छोटे-बड़े कल-कारखाने व अन्य कार्य करने वाले उपकरनों को संचालित करने वाले मजदूर इस दिन छुट्टी मनाते हैं,लेकिन क्षेत्र के सब्जी-आढत,ईंट-भट्ठा व अभ्रक खदानों में छोटे-छोटे बाल मजदूरों को भी मजदूर दिवस के दिन में बाल मजदूरी करते देखा जाता है.जब बाल मजदूरों से पूछा गया कि 1 मई को मजदूर दिवस है और आप लोग मजदूर दिवस के दिन भी काम कर रहे हैं,तो बाल मजदूरों ने बताया कि पेट का भूख मिटाने के लिए हम लोगों को साल में कभी भी छुट्टी नहीं मिलता है.यह हाल बाल मजदूरों समेत सभी मजदूरी करने वालों का होता है,तभी घर में दो वक्त की रोटी प्राप्त होती है.इससे यह प्रतीत होता है कि क्षेत्र में बाल मजदूरी पर रोक लगाने के लिए कोई भी पदाधिकारी आगे नहीं आते हैं.जिससे क्षेत्र में बाल मजदूरी बढ़ता जा रहा है,कोई भी कुरकुरे,बिस्किट या अन्य किसी प्रकार का ट्रक रजौली में आता है,तो दुकानदार लोग बाल मजदूरों से ही बड़े-बड़े वाहनों को खाली करवाते हैं.इससे लोग देखकर मर्माहत हो जाते हैं कि इतने छोटे-छोटे बच्चों से मजदूरी नहीं करवाना चाहिए.अगर ईंट-भट्ठा,अभ्रक खदान व सब्जी बेचने वाले आढत का जांच पड़ताल किया जाए,तो दर्जनों बाल मजदूर पकड़ में आ जाएंगे.
