संतोष कुमार
रजौली प्रखंड क्षेत्र में वैवाहिक लग्न में तेजी आने से बारातियों के आने-जाने के लिए किराए के वाहन बहुत मुश्किल से मिल रहे हैं.इस वजह से बाराती अपने जान जोखिम में डालकर बारात में शामिल हो रहे हैं.ऐसा ही एक नजारा हरदिया के सेक्टर-ए समीप देखा गया,जहां दो मैजिक वाहन,जिसमें मुश्किल से 8 से 10 लोगों के लिए बैठने की व्यवस्था होती है.किंतु उक्त मैजिक यात्री वाहन में 20 से 25 लोग जानवरों की तरह बैठकर यात्रा कर रहे थे.इस दौरान दर्जनों लोग वाहन के छतों पर भी बैठकर सफर करने को मजबूर हैं.वहीं मैजिक वाहन फोरलेन सड़कों पर सरपट से चितरकोली की तरफ चली गई,जहां से कोडरमा घाटी होते हुए कोडरमा के ध्वजाधारी धाम तक जाएगी.इस खतरनाक घाटी में प्रतिदिन कई बड़े व छोटे वाहनों का सड़क दुर्घटना होते रहता है.वहीं परिवहन विभाग द्वारा इन सवारी वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.छोटे सावारी वाहन लग्न में प्रत्येक दिन बारातियों को वाहन के छत पर बैठाकर चल रहे हैं,जिससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.कई बार दुर्घटना होने के बाद भी वाहन मालिक तथा यात्री इससे सीख नहीं लेते हैं.इसके बावजूद वाहन मालिक यात्रियों को छत के उपर बैठाकर आराम से कमाई करते हैं.वहीं कई वाहन मालिक सवारी गाड़ी में लोहे का सरिया तक लोड़ कर यात्रियों को बैठाकर आवागमन कराते हैं.अगर ऐसा ही रहा तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है.ग्रामीणों ने बताया कि लग्न में अधिक तेजी आने से बारातियों के लिए निजी वाहनों के मालिक अधिक किराए की मांग कर रहे हैं,जो वर पक्ष अथवा वधू पक्ष देने में असमर्थ हैं.निजी वाहनों के चालक इनकी मजबूरी का खूब फायदा उठा रहे हैं.जब तक बाराती वाहन के अंदर के साथ छत पर नहीं बैठते हैं,तब तक वाहन को गंतव्य स्थान तक नहीं भेजा जाता है.कई बाराती तो पायदान पर भी लटक जाते हैं.इस मामले में वाहन चालकों के साथ स्वयं बाराती भी लापरवाही कर रहे हैं.सब जानते हैं कि वाहन में क्षमता से अधिक सवारी बैठाना गलत है.इसके बाद भी नियमों की खुले आम अनदेखी की जाती है.निजी सवारी वाहनों में क्षमता से दो से तीन गुणा अधिक सवारी बैठाई जा रही है। इससे वाहन पलटने की संभावना अधिक बन जाती है.
