संतोष कुमार
रजौली प्रखंड क्षेत्र के बाराचुआं नामक स्थान से झारखंड से बिहार क्षेत्र में प्रवेश करने वाले 30 हाथियों के झुंड को 12 दिनों बाद वापस अपने क्षेत्र में भेजा गया.इसके पीछे डीएफओ नवादा श्रेष्ठ कुमार कृष्ण व रेंजर मनोज कुमार समेत वन कर्मियों एवं पश्चिम बंगाल के बांकुरा से आई स्पेशल टीम का योगदान सराहनीय रहा.हालांकि हाथियों के झुंड से कई ग्रामीणों के घरों को तोड़फोड़ दिया गया एवं कइयों के खेतों में लगे लहलहाती फसल को नष्ट कर दिया गया.वहीं वन विभाग ग्रामीणों को हुए नुकसान की भरपाई को लेकर अग्रतर कार्रवाई में जुटी हुई है.हाथियों के झुंड के वापस अपने घर झारखंड लौटने पर जंगली क्षेत्र के आसपास रहने वाले विभिन्न गांव के लोगों में काफी खुशी है.
इस दौरान वाइल्ड लाइफ ट्रैकर अर्जुन सिंह चंद्रवंशी,आनंद कुमार सिंह,सतीश कुमार एवं दिलीप कुमार समेत अन्य लोगों का सहयोग सराहनीय रहा.हाथियों का झुंड बाराचुआं में एक दिन रहे, फिर दूसरे दिन सुअरलेटी पहुंचे,तीसरे व चौथे दिन चोरडीहा में बिताए,पांचवे दिन बकरखुरी,छठे दिन नावाडीह व झराही में रहे,सातवें दिन जमुनदाहा में रहने के बाद तीन दिनों तक पिछली जमुनदाहा से राधे बिगहा से पुरानी हरदिया से श्रृंगी ऋषि पहाड़ होते हुए बाराचुआं से गढ़ दिबौर डैम से होते हुए रतनपुर आकर दो दिनों तक रुके एवं अंतिम दिन में झारखंड के मेघातरी पहाड़ी को चढ़कर लठवहवा जंगल तक छोड़ दिया गया.
रेंजर मनोज कुमार ने बताया कि हाथियों के झुंड को वापस उनके घर झारखंड के जंगली क्षेत्र में छोड़ा गया है.हालांकि बांकुरा से आए टीम को वन परिसर में रोका गया है.वहीं हाथियों के झुंड पुनः रजौली वन क्षेत्र में प्रवेश ना करे,इसको लेकर वन कर्मियों को सावधान रहने की हिदायत दी गई है.
