संतोष कुमार
रजौली प्रखंड क्षेत्र के अमावां गांव के सैकड़ों केसीसी ऋण धारकों को दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के मैनेजर नटवर चांद द्वारा मनमाने तरीके से पैसों की मांग को लेकर परेशान किया जा रहा है.पीड़ित किसान अमित सिंह,रंजीत प्रसाद,राजेंद्र प्रसाद,सुरेश प्रसाद,सत्येंद्र प्रसाद,वीरेन्द्र राजवंशी,संजय कुमार सिंह,शंभू शरण प्रसाद,अनिल कुमार समेत दर्जनों ने बताया कि वे बीते 15 वर्ष पूर्व केसीसी ऋण के रूप में 50-50 हजार रुपए लिए थे,जिसमें सभी किसानों को 35-35 हजार रुपए शाखा प्रबंधक द्वारा दिया गया था एवं शेष 15-15 हजार रुपए बाद में देने की बात कही गई थी.बैंक मैनेजर नटवर चांद द्वारा किसानों को चिन्हित कर दो-दो लाख रुपए की मांग की जा रही है.जब किसान अपनी असर्मथता जताते हैं,तो उनके घरों पर रात्रि में पुलिस बलों द्वारा दबिश दिलवाई जा रही है.किसानों ने बताया कि बीते 15 वर्षों में कभी भी बैंक के मैनेजर आदि के द्वारा किसी प्रकार की कोई सूचना आदि नहीं दिया गया था.किंतु इतने दिनों बाद नोटिस भेजकर बैंक मैनेजर द्वारा किसानों को तंग-तबाह किया जा रहा है.किसानों ने कहा कि बैंक मैनेजर द्वारा गरीबों को लूटने का प्रयास किया जा रहा है.जबकि इसके पूर्व कई बार नवादा जिला को सरकार द्वारा सुखाड़ भी घोषित किया गया है,उसके बावजूद बैंक मैनेजर द्वारा किसानों को प्रताड़ित किया जा रहा है.किसानों ने बताया कि वे अपनी समस्याओं को लेकर नवादा सांसद विवेक ठाकुर को भी अवगत कराए हैं और बैंक मैनेजर के विरुद्ध उचित कार्रवाई की मांग भी किया गया है.
क्या कहते हैं बैंक मैनेजर –
इस बाबत दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के मैनेजर नटवर चांद ने बताया कि किसानों द्वारा उनपर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है.साथ ही कहा कि हमारे शाखा से लगभग 14 करोड़ रुपए का ऋण दिया गया है,जिसमें लगभग 4.5 करोड़ रुपए का ऋण अमावां बाजार क्षेत्र के किसानों को दिया गया है.बैंक के वरीय पदाधिकारियों के निर्देशानुसार ऋणधारी लोगों के विरुद्ध पीडीआर केस फाइल करने के बाद नीलाम पत्र वाद पदाधिकारी द्वारा निर्देश के आलोक में अग्रतर कार्रवाई की जा रही है.ऋणधारकों के घर पर पुलिस कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से जा रही,इसमें हमारी व्यक्तिगत कोई भूमिका नहीं है.
