संतोष कुमार
रजौली मुख्यालय स्थित धनार्जय नदी का अतिक्रमण भू-माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से किया जा रहा है,जिससे नदी अपना अस्तित्व धीरे-धीरे खोते जा रही है.नदियों का अतिक्रमण एक गंभीर मुद्दा है,इससे न केवल नदियों की प्राकृतिक धारा प्रभावित होती है.बल्कि इससे आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले किसान समेत अन्य लोगों के जीवन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.धनार्जय नदी जैसी महत्वपूर्ण नदियों का संरक्षण और संवर्धन आवश्यक है.नदी की धारा का प्रभावित होना,अतिक्रमण के कारण नदी की प्राकृतिक धारा बदल जाती है,जिससे नदी के किनारे रहने वाले लोगों को खतरा हो सकता है.वहीं खेत-पटवन को लेकर काफी दिक्कत होता है.अतिक्रमण से जल संसाधनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है,जिससे पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की कमी होती है एवं लेयर में कमी आती है.नदियों के अतिक्रमण से पर्यावरणीय असंतुलन पैदा होता है,जिससे वन्यजीवों और पौधों की प्रजातियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.अतिक्रमण हटाओ अभियान सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा कागजों पर संचालित है,जिसे जमीनी स्तर पर लागू किया जाना चाहिए.किंतु जिम्मेदार पदाधिकारी के कानों में जूं तक नहीं रेंग रहा है.पदाधिकारीगण भी नदी के पुल को पार करते हुए अतिक्रमण का नजारा देख चुप्पी साधे हुए हैं.जबकि स्थानीय पदाधिकारियों को आमलोगों में नदियों के महत्व और अतिक्रमण के प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए.सरकार द्वारा बनाए गए नदी संरक्षण नीति को सख्ती से पालन करवाना चाहिए,ताकि नदियां अतिक्रमण से मुक्त हो सके.नदियों का संरक्षण और संवर्धन हमारी जिम्मेदारी है.नदियों के महत्व को समझना चाहिए और उनके संरक्षण के लिए काम करना चाहिए.धनार्जय नदी जैसी महत्वपूर्ण नदियों का संरक्षण आवश्यक है ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
क्या कहते हैं पदाधिकारी –
इस बाबत अंचलाधिकारी मो. गुफरान मजहरी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है.जल्द ही कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
