संतोष कुमार
रजौली थाना क्षेत्र के भौर गांव के एक युवक एवं फुलवरिया गांव की एक युवती के बीच दो वर्षों से चल रहे प्रेम-प्रसंग में दोनों अपनी मर्जी से गांव के ही एक मंदिर में जाकर दर्जनों ग्रामीणों के बीच शादी कर एकसाथ जीवन यापन करने का निर्णय ले लिया.इस बात की भनक जब लड़के के परिजनों को हुई,तो वे इस शादी से नाराजगी जाहिर की एवं युवती को बहू मानने से इंकार कर घर में प्रवेश नहीं करने दिया गया.घटना की सूचना प्रेमिका ने डायल 112 को दी.डायल 112 की टीम ने नवविवाहित युवक व युवती को थाना परिसर ले आई.प्रेमी युवक की पहचान फुलवरिया गांव निवासी छोटन मांझी के 21 वर्षीय पुत्र सागर कुमार एवं प्रेमिका की पहचान बगल के ही भौर गांव निवासी विजय मांझी की 19 वर्षीय पुत्री सरस्वती कुमारी के रूप में हुई है.प्रेमिका ने बताई कि बीते दो वर्षों से सागर से बातचीत हो रहा था,इस दौरान सागर के घरवालों ने जबरन उसकी शादी कहीं और तय कर दी.घरवालों ने नाराज चल रहे सागर ने बीते मंगलवार को फुलवरिया के समीप एक मंदिर में दर्जनों ग्रामीणों के सामने सरस्वती की मांग में सिंदूर देकर शादी रचाई और साथ में जीने मरने की कसमें भी खाई.
किंतु प्रेमी के परिजनों के दबाव के कारण उसे घर नहीं ले जाने को तैयार था,जिसपर प्रेमिका ने विरोध करते हुए पुलिस को इसकी सूचना दी.मिली जानकारी के अनुसार प्रेमी का विवाह उसके घरवालों ने एक लाख रुपए और एक बाइक में कहीं और तय कर दी थी एवं आगामी 27 अप्रैल को शादी भी होना तय था.किंतु इसी बीच प्रेमी ने प्रेमिका से मिलकर मंदिर में शादी कर थाना आ गया.
थाना में पदस्थापित महिला डेस्क प्रभारी सह एसआई पिंकी कुमारी ने प्रेमी जोड़े से जानकारियां ली.साथ ही दोनों के परिजनों को थाना परिसर बुलाई.लड़के की मां सेमपुरवा देवी ने सरस्वती को अपनी बहू मानने से इंकार करने लगी,किंतु महिला डेस्क प्रभारी की सूझ-बुझ एवं समझाने के बाद दोनों पक्ष राजी हुए.वहीं थाना परिसर में पीआर बॉन्ड भरे जाने के बाद प्रेमी युवक एवं उनके परिजनों ने नवविवाहित प्रेमिका को अपने घर लेकर चले गए.
