फोरलेन पर स्पीड ब्रेकर,घरों में दरारें:- ग्रामीणों का ‘भूकंप’ जैसा अनुभव,पलायन का डर

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संतोष कुमार

रजौली प्रखंड क्षेत्र के रजौली स्थित हरदिया से गुजरने वाली एनएच-20 फोर लेन सड़कों पर बनाए गए पार पथ के समीप स्पीड ब्रेकर अब ग्रामीणो के लिए मुसीबत का सबब बन गए हैं.इन ब्रेकरों से गुजरने वाले तेज रफ्तार और ओवरलोडेड ट्रकों व टेलरों से जमीन में ऐसी कंपन उत्पन्न हो रही है,जिसे ग्रामीण ‘भूकंप जैसा’ बता रहे हैं.पवन सिंह, बिजय सिंह,जतन सिंह,रामबालक मिस्त्री, अशोक प्रसाद,कैलाश सिंह आदि लोगों ने बताया कि 1983 में सिंगर,कमाते,रनिमास आदि गांव के लोगों को फुलवरिया डैम निर्माण के नाम विस्थापित कर दिया गया था.जिसके बाद हमलोग हरदिया के सेक्टर ए में आकर बस गए थे.इन लोगों ने कहा कि स्पीड ब्रेकर के कारण लगातार कंपन से आसपास के घरों में दरारें पड़ने लगी हैं, जिससे ग्रामीणों में अपने सपनों के घर से एक बार फिर विस्थापित होने का डर सता रहा है.

घरों में दरारें, दहशत में ग्रामीण:-

फोर लेन के किनारे बसे गांवों के लोग पिछले कुछ समय से इस समस्या से जूझ रहे हैं.स्थानीय निवासी बताते हैं कि जब भी कोई भारी वाहन इन स्पीड ब्रेकरों से तेजी से गुजरता है,तो पूरे इलाके में तेज कंपन महसूस होती है.यह कंपन इतनी जबरदस्त होती है कि घरों की दीवारों पर नई दरारें उभर रही हैं और पुरानी दरारें चौड़ी होती जा रही हैं.कई घरों में तो छत और दीवारों के प्लास्टर भी झड़ने लगे हैं,जिससे ग्रामीणों में हमेशा एक अनहोनी का डर बना रहता है.

ओवरलोडिंग और अवैज्ञानिक ब्रेकर मुख्य वजह:-

ग्रामीणों का आरोप है कि इस समस्या की मुख्य वजह सड़कों पर दौड़ने वाले ओवरलोडेड वाहन और अवैज्ञानिक तरीके से बनाए गए स्पीड ब्रेकर हैं.इन ब्रेकरों की ऊंचाई और डिजाइन मानकों के अनुरूप नहीं है,जिससे वाहनों को इनसे गुजरते समय अचानक झटका लगता है और यही झटका जमीन में तीव्र कंपन पैदा करता है.

‘क्या हमें फिर से घर छोड़ना होगा’:-

हरदिया के एक स्थानीय बुजुर्ग रामेश्वर सिंह ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा,”हमने बड़े सपनों के साथ ये घर बनाए थे,लेकिन अब ऐसा लगता है कि हमें फिर से अपना आशियाना छोड़ना पड़ सकता है.यह कंपन किसी भूकंप से कम नहीं है.रात भर नींद नहीं आती,बस यही डर लगा रहता है कि कब हमारा घर ढह जाए.”

प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मदद की गुहार:-

ग्रामीणों में इस बात को लेकर भी आक्रोश है कि उनकी इस गंभीर समस्या पर न तो कोई नेता ध्यान दे रहा है और न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी.उन्होंने कई बार अपनी शिकायतें संबंधित विभागों तक पहुंचाई हैं,लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।l.गांव वाले अब इस चिंता में पड़े हुए हैं कि आखिर कब कोई उनकी पीड़ा समझेगा और इस समस्या के समाधान के लिए आगे आएगा.ग्रामीणों ने सरकार और स्थानीय प्रशासन से तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करने और समाधान निकालने की अपील की है.उनकी मांग है कि इन स्पीड ब्रेकरों को वैज्ञानिक तरीके से दोबारा बनाया जाए और ओवरलोडेड वाहनों पर लगाम लगाई जाए, ताकि वे अपने घरों में सुरक्षित रह सकें.

Bihar News 27
Author: Bihar News 27

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