संतोष कुमार
रजौली प्रखंड मुख्यालय स्थित कांग्रेस कार्यालय में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की 61वां पुण्यतिथि धूमधाम से मनाई गई.इस संबंध में कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष राम रतन गिरी ने कहा कि आज देश के लोग अपने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को उनकी 61वीं पुण्यतिथि पर दिल से याद कर रहे हैं,उन्हें धन्यवाद इस बात के लिए दे रहे हैं कि उन्होंने छह दशक पहले देश के लिए जो कर दिखाया,वो आज का प्रधानमंत्री सोच भी नहीं सकता है.नेहरू जी को गए हुए भले ही 60 साल से अधिक हो गए, मगर आज भी देशवासियों के भीतर वो धड़कते हैं.प्रगति,सद्भाव औऱ मोहब्बत में विश्वास रखने वाले देशवासी नेहरू को कभी नहीं भूल सकते.ये उनके करिश्माई व्यक्तित्व का ही असर है कि मौजूदा राजनीति में भी नेहरू उतना ही प्रासंगिक हैं,जितना अपने समय में थें.वर्ष 1947 में जब अंग्रेजों ने भारत छोड़ा तो देश में चारो तरफ गरीबी-गंदगी, कर्ज,अशिक्षा औऱ अंधविश्वास का आतंक था।बड़े-बड़े देशों ने अनाज देने के बदले भारत को अपना पिछलग्गू बनाने की पूरी योजना ही बना डाली थी.लेकिन हिंदुस्तान की किस्मत बुलंद थी,देश को नेहरू जैसा नेता मिला,जिसके पास दुनिया के बेहतरीन नेताओं से भी बेहतर नजरिया था,जो शांति का पुजारी था,लेकिन क्रांति का अग्रदूत.नजीतन,कुछ ही वर्षों के भीतर नेहरू की रहनुमाई में हिंदुस्तान बदहाली के दलदल से निकलकर दुनिया के नक्शे पर एक मजबूत और स्वाभिमानी देश के रूप में प्रतिष्ठित हुआ.नेहरू और उनके बाद के किसी भी नेता के बीच हर मायने में बहुत लंबा अंतर है.नेहरू का सोचने,समझने और काम करने का तरीका शानदार था.वो जनता को सुनाने से अधिक जनता की सुनना पसंद करते थे.नेहरू के रूप में भारत को एक ऐसा प्रधानमंत्री मिला,जो जितना बड़ा नेता था,उससे बड़ा दार्शनिक.उनकी लेखनी विश्व इतिहास को शानदार नजरिए से दिखाती प्रस्तुत करती है.उन्होंने लेटर्स फ्रॉम ए फादर टू हिज डॉटर, गिलम्पस ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री, ए ऑटोबायोग्राफी,डिस्कवरी ऑफ इंडिया जैसी विश्वप्रसिद्ध पुस्तकें लिखीं.लोकतंत्र में उनकी आस्था का शायद ही कोई सानी हो.नेहरू जी बेहद उदारवादी थे,वो आज की तरह किसी भी कीमत पर सत्ता पाने के पक्षधर नहीं थे.उन्हें इस बात की बड़ी फिक्र रहती थी कि लोहिया जीतकर संसद में जरूर पहुंचे.जबकि लोहिया नेहरू पर हमला करने का कोई मौका नहीं चूकते थे.नेहरू ने भारत को विज्ञान,तकनीक और तर्कशीलता का हथियार दिया.सुपर कंप्यूटर, आईआईटी,आईआईएम,एम्स,इसरो, सरकारी कंपनियां,बांध और बिजलीघरों का खाका खींचकर पूरी दुनिया को आश्चर्य चकित किया.आज दुनिया के सबसे अच्छे इंजीनियर,डॉक्टर और मैनेजर नेहरू के इन्हीं संस्थानों से निकलकर पूरी दुनिया में प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं.आज भारत विज्ञान से लेकर अनुसंधान,राजव्यवस्था से लेकर अर्थव्यवस्था में तरक्की की जो फसल काट रहा है,उसका बीजारोपण नेहरू जी ने ही किया था.आजादी के बाद दुनिया जिस देश को बर्बाद होने की भविष्यावाणी कर रही थी,आज वो देश अपने विजनरी नेता नेहरू की बदौलत इस मुकाम तक पहुंच चुका है.आधुनिक भारत के निर्माता और देश के दमदार और शानदार रहनुमा रहे पंडित नेहरू को कृतज्ञ राष्ट्र और राष्ट्रवासियों की ओर से विनम्रपूर्ण श्रद्धांजलि.मौके पर इंटर विद्यालय के पूर्व प्राचार्य बालकृष्ण प्रसाद यादव,डॉ.अनरावूल हक व मोहन चौधरी के साथ दर्जनों कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे.
