संतोष कुमार
रजौली प्रखंड क्षेत्र में लगातार बढ़ रही गर्मी के कारण लोग दोपहर में घरों से निकलने से कतराने लगे हैं.वहीं प्रखंड क्षेत्र के हरदिया,सवैयाटांड़ एवं धमनी ग्राम पंचायतों के दूरस्थ एवं जंगली क्षेत्र में बसे गांवों में जलसंकट का खतरा बढ़ गया है.उक्त पंचायतों के दर्जनों गांव में पेयजल की समस्या अभी ही देखी जा रही है.ऐसा नहीं है कि यह परेशानी ग्रामीणों को इस बार देखने को मिल रही है,बल्कि प्रत्येक वर्ष गर्मी के बढ़ते ही यहां के चापाकल पानी देना बंद कर देते हैं.पानी नहीं मिलने से ग्रामीण महिलाओं एवं बच्चों समेत अन्य लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.हरदिया पंचायत के जमुनदाहा गांव में नियमित रूप से बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है.वहीं नल-जल योजना के तहत स्थापित किया गया जल मीनार भी लोगों के प्यास को बुझाने के लिए कारगर नहीं है.
हरदिया पंचायत के मुखिया प्रत्याशी रहे दिलीप साव एवं जमुनदाहा गांव निवासी महावीर राजवंशी उर्फ टिको दा,सकिंदर सिंह,कैलाश सिंह,अमृत घटवार,सकलदेव सिंह,पूर्व वार्ड सदस्य सोना देवी,मुनिया देवी,गुड़िया देवी,रिंकी देवी,सुनीता देवी समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में 10 बोरिंग चापाकल है,जिनमें एक-दो चापाकल में ही सिर्फ बूंद के रूप में पानी आ रही है,बाकी चापाकल खराब पड़े हुए हैं.उन्हें अपनी दैनिक जरूरतों को लेकर सुबह और शाम दोनों समय एकमात्र कुआं के समीप तीन से चार घंटे लाइन लगाकर इंतजार करना पड़ता है.ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2022-23 में नल-जल योजना के थी जल मीनार लगाया गया था,जिसका लेयर नीचे चला गया है एवं धूप रहता है तो थोड़ा बहुत चलता है अन्यथा बंद ही रहता है.
दिलीप साव ने बताया कि वर्ष 2018 में सांसद गिरिराज सिंह के सहयोग से जमुनदाहा गांव के प्रत्येक घरों में सोलर पैनल और रिचार्जेबल बैटरी लगाकर लोगों को अंधेरे से दूर करने का प्रयास किया गया था.वहीं सात वर्ष बीत जाने के बाद दर्जनों सोलर पैनल खराब हो गया है एवं बैटरी भी काम करना बंद कर दिया है.इतने दिनों में एक भी सरकारी नुमाइंदा सोलर पैनल की सुध लेने तक नहीं आया है और ग्रामीण पुनः अंधेरे में जीवन यापन करने को मजबूर हैं.साथ ही बताया कि हमलोग गरीब मजदूर हैं और सोलर पैनल और बैटरी की मरम्मत करवाने में खुद से सक्षम नहीं हैं.ग्रामीणों ने यह भी बताया कि ज्येष्ठ महीने के प्रवेश होते ही गांव की प्यास बुझाने वाला एकमात्र साधन कुआं भी सुख जाता है,जिससे ग्रामीणों को दूर-दराज से गंदे पानी लाकर सेवन करना पड़ता है.बताते चलें कि हरदिया पंचायत के जमुनदाहा गांव में लगभग 90 घर हैं,जिसमें लगभग 600 लोग निवास करते हैं और इनमें लगभग 350 मतदान करते हैं.टेक्नोलॉजी के इस युग में भी ये लोग लाचारी वाली जिंदगी जीने को मजबूर हैं.वहीं आवागमन के लिए ग्रामीणों को सड़कें तक नसीब नहीं है.ऐसी स्थिति में बेहतर भविष्य की कल्पना करना बेइमानी होगी.
क्या कहते हैं बीडीओ –
बीडीओ संजीव झा ने बताया कि हरदिया,सवैयाटांड़ एवं धमनी ग्राम पंचायतों के विभिन्न गांवों में पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए कुआं के निर्माण लेकर वरीय पदाधिकारी को पत्राचार किया गया है,किंतु अबतक कुआं निर्माण के लिए राशि प्राप्त नहीं हुआ है.वहीं पीएचईडी के जेई को इन पंचायतों में खराब पड़े चापाकलों की मरम्मती को लेकर आवश्यक निर्देश दिया गया है.पीएचईडी के जेई द्वारा ग्राम पंचायतों के मुखिया के सहयोग से सर्वे किया जा रहा है.साथ ही बताया कि पेयजल से संबंधित समस्याओं का निवारण शीघ्र ही किया जाएगा.वहीं बिजली की समस्या को लेकर अग्रतर कार्रवाई करने की बात कही गई.
