अनुमंडलीय अस्पताल रजौली बना दलालों का अड्डा,व्याप्त कुव्यवस्था के कारण दलाल को मिली छूट,सिविल सर्जन समेत स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी साधे हैं चुप्पी

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संतोष कुमार

अनुमंडलीय अस्पताल रजौली के इर्द-गिर्द इन दिनों बिचैलिए सक्रिय हैं,जो स्वास्थ सेवा की बदहाल स्थिति का फायदा उठाकर मरीजों को बहला फुसलाकर निजी नर्सिंग होम में इलाज कराने के लिए ले जाते हैं.जहां उनके जिंदगी से खिलवाड़ करने के साथ जमकर आर्थिक शोषण किया जाता है.सरकारी अस्पताल जानकर गरीब मरीज यहां इलाज कराने आते हैं.जहां पर दलालों की सक्रियता एवं सरकारी स्वास्थ्य कर्मी की मिलीभगत से निजी नर्सिंग होम में दाखिल करा दिया जाता है,जिसके कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकारी व्यवस्था सिर्फ दिखावे की रह गई है.इसके कारण गरीब जनता को निःशुल्क मिलने वाली स्वास्थ सेवा के लाभ से वंचित रहना पड़ता है.जबकी इसी कार्य के लिए तैनात आशा व जीएनएम मोटी रकम लेकर अनुमंडलीय अस्पताल के इर्द-गिर्द मंडराते अवैध नर्सिंग होम के दलालों के हाथ में दे देते हैं.

प्रसव के लिए आई महिलाओं एवं उनके परिजनों का हो रहा शोषण – 

अनुमंडलीय अस्पताल में नॉर्मल डिलीवरी के साथ-साथ छोटे ऑपरेशन से प्रसव कराया जा रहा है.वहीं बीते तीन माह पूर्व जब कुछ चिकित्सकों एवं कर्मियों का वेतन बंद किया गया था,तो एक गर्भवती महिला का सिजेरियन से प्रसव करवाया गया था.वहीं ग्रामीण महिलाओं को सुविधा मिलता देख विभाग ने स्वास्थ्यकर्मियों के बंद वेतन को चालू कर दिया.वहीं रजौली में सिजेरियन की सुविधा उपलब्ध होने पर आसपास के लोगों में खुशी का माहौल था.किंतु कुछ चिकित्सक समेत स्वास्थ्यकर्मियों के बंद वेतन के चालू होने के बाद जरूरतमंद महिलाओं को भी नवादा सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है.साथ ही उनके परिजनों से चिकित्सकों द्वारा कहा जाता है कि यहां सिजेरियन के लिए उचित व्यवस्था नहीं है.इसके अलावे परिजनों को स्वास्थ्य सेवा देने के नाम पर इस तरह डराया जाता है कि लोगों का विश्वास सरकारी व्यवस्था से उठ जाता है और यही वो कड़ी होती है,जिसका फायदा निजी क्लिनिक चलाने वाले लोग उठाते हैं.ग्रामीण क्षेत्र से आए गरीब और कम पढ़े लिखे लोग दलालों के चंगुल में फंसने को मजबूर हो जाते हैं.

कुछ फर्जी डिग्री वाले लोग भी काट रहे चांदी – 

इस कार्य में कुछ फर्जी डिग्री वाले लोग भी चांदी काट रहे हैं.अनुमंडलीय अस्पताल के अगल-बगल में करीब आधा दर्जन नर्सिंग होम खुले हुए है.जिसमें मान्यता प्राप्त डॉक्टर का बोर्ड तो लगा रहता है,परंतु उनका कोई अता-पता नहीं होता है.सूत्र के मुताबिक गंभीर ऑपरेशन वाले मरीज को निजी क्लिनिक में ले जाया करते है.उसके बाद मरीजों का आर्थिक एवं मानसिक दोहन चालू हो जाता है.गर्भवती महिलाओं के साथ यह कार्य बहुत पहले से ही किया जा रहा है.निम्न स्तर के मरीज को सरकारी अस्पताल में किसी तरह का प्रसव करा दिया जाता है.परंतु जैसे ही ऑपरेशन की समस्या आती है तो यह कार्य तत्काल जीएनएम कर्मी सक्षम चिकित्सालय के पास नहीं भेजकर दलालों के सुपुर्द कर देते हैं.जहां अप्रशिक्षित झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा प्रसव के अलावा ऑपरेशन तक किया जाता है,जिसके कारण कई महिलाओं को प्रसव के दौरान काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ती है.

अस्पताल में व्याप्त कुव्यवस्था दूर करने के लिए जिम्मेदार लोग हैं निष्क्रिय – 

अस्पताल में एनआरसी के संचालन,पीकू का संचालन,ऑक्सीजन प्लांट का संचालन,प्रसव की सुविधा समेत कई व्यवस्थाओं में कुव्यवस्था व्याप्त है.पुरानी बस स्टैंड निवासी बब्लू पंडित,मनीष सोनी,संतोष कुमार एवं बाभनटोली के रंजीत सिंह समेत अन्य लोगों ने बताया कि अनुमंडलीय अस्पताल में व्याप्त कुव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए अस्पताल प्रबंधन एवं स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारी जिम्मेदार है.वहीं अस्पताल में मरीजों को सुविधा मिले इसके लिए रोगी कल्याण समिति कागजों पर ही गठन होकर रह गया है.रोगी कल्याण समिति के द्वारा नियमित बैठक भी नहीं होती है और ना ही वे अस्पताल भ्रमण कर मरीजों एवं उनके परिजनों से मिलकर स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली जाती है.बीते कई माह पूर्व एक्सपायरी दवाई का मामला उजागर होने के बाद डीसीएलआर रजौली के नेतृत्व में अस्पताल में बीडीओ व सीओ समेत कई स्थानीय पदाधिकारी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सुपुर्द किए थे.फिर भी अस्पताल में चरमराई व्यवस्था में सुधार नहीं हो सका है.

सिविल सर्जन नवादा ने भी साधी चुप्पी –

अनुमंडलीय अस्पताल में ग्रामीण एवं गरीब परिवार से प्रसव कराने आई महिलाओं एवं उनके परिजनों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार एवं सिजेरियन की सुविधा बंद है को लेकर सवाल पूछे जाने पर सिविल सर्जन नवादा ने सवालों को सुनने के बाद फोन काट दी.वहीं दुबारा फोन करने पर फोन को रिसीव नहीं करके काट दिया गया.जब स्वास्थ्य विभाग के जिले के वरीय पदाधिकारी का यह रवैया है,तो कहना गलत नहीं होगा कि सरकारी अस्पताल में मिलने वाली सुविधा सिर्फ कागजों पर ही परोसा जा रहा है.

Bihar News 27
Author: Bihar News 27

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